Rajya Sabha में उथल-पुथल: निलंबन, तनातनी और जमकर हुई राजनीतिक आतिशबाजी! आप विश्वास नहीं करेंगे कि क्या हुआ !

धैर्य बनाए रखें क्योंकि राज्यसभा एक राजनीतिक युद्ध के मैदान में तब्दील हो गई है, जहां अभूतपूर्व नाटक और अराजकता देखी जा रही है। यहां हालिया राजनीतिक उथल-पुथल का विवरण दिया गया है:

 बार-बार स्थगन:

राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के नवीनतम स्थगन के साथ बार-बार रुकी, क्योंकि सभापति जगदीप धनखड़ ने निलंबन के बावजूद लगातार उपस्थित रहने वाले टीएमसी सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन की “अवज्ञा” के कारण व्यापार पर “प्रतिकूल” प्रभाव का हवाला दिया।

विपक्ष का हंगामा:

हालिया लोकसभा सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों के नारे लगाने से यह गाथा सामने आती है। चेयरमैन धनखड़ ने ओ’ब्रायन का नाम लिए बिना नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्हें वहां से चले जाने का आग्रह किया, जिससे हंगामा जारी रहा।

 सस्पेंशन मोशन ड्रामा:

हंगामे के बीच, सभापति ने नियम 256 के तहत ओ’ब्रायन को निलंबित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया। निलंबन के कारण और अधिक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, विपक्षी सदस्यों ने जोर-शोर से अपना असंतोष व्यक्त किया और जोर देकर कहा कि निलंबन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 स्थगन और विपक्ष की दृढ़ता:

सदन को कई बार स्थगन का सामना करना पड़ता है, विपक्ष सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा के लिए दबाव डाल रहा है और ओ’ब्रायन के निलंबन के खिलाफ विरोध कर रहा है। चेतावनियों के बावजूद विरोध जारी है, जिससे संसदीय कार्यवाही में हंगामेदार माहौल बना हुआ है।

 चाँदनी मुलाकातें और अनियंत्रित व्यवहार:

जब चेयरमैन धनखड़ ने अनियंत्रित व्यवहार की निंदा की और कारोबार को निलंबित करने की मांग करने वाले 28 नोटिसों को खारिज कर दिया, तो कमजोर चंद्रमा पर तीखी नोकझोंक देखी गई। विपक्षी सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब की मांग करते हुए सदन के वेल में गए।

 नाट्यशास्त्र और अवज्ञा:

धनखड़ और डेरेक ओ’ब्रायन के बीच एक एनिमेटेड आदान-प्रदान सामने आता है, जो नाटकीय इशारों द्वारा चिह्नित है। चेयरमैन ने ओ’ब्रायन का नाम लेते हुए उनके आचरण को “अवज्ञा” और “गंभीर कदाचार” करार दिया। कड़ी चेतावनियों के बावजूद, ओ’ब्रायन शांत नहीं हुए, जिससे सदन में तनाव बढ़ गया।

चेयरमैन का कड़ा रुख:

धनखड़ का सख्त रुख स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है, जिसमें शिष्टाचार की कमी और सार्थक बहस पर अशांति को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है। चेयरमैन के कड़े शब्दों की परिणति डेरेक ओ’ब्रायन के नामकरण और निलंबन के रूप में हुई।

अशांति के दिन पर्दा:

जैसे ही दिन समाप्त हुआ, धनखड़ ने कार्यवाही स्थगित कर दी, जिससे राज्यसभा में अद्वितीय नाटक, अवज्ञा और राजनीतिक नाटकीयता से भरे दिन का अंत हो गया।

Leave a comment